Sunday, October 29, 2017

हिंदी और बुलंदी

हिंदी और बुलंदी 


काफी समय से ये हिंदी ब्लॉग शुरू करने का विचार मेरे मन में था ! लेकिन बाकी चीज़ों में व्यस्त होने के कारण शुरू नई कर पाया हूँ ! अब जाकर इसे शुरू करने जा रहा हूँ |

हिंदी प्रदेश यानी उत्तर प्रदेश में जन्में होने से हमेशा ही उसमें बातचीत करना आसान रहा है और शायद उसी की वजह से जितनी अपनी हिंदी लगती है उतनी और कोई नई लगती | जो मन में आता है वह प्रकट हो जाता है | जयादा सोचना नई पड़ता | 

हालाँकि कुछ वर्षों सेकॉर्पोरेट में काम करने से अंग्रेजी में भी काफी पारंगत हासिल हो गयी | लेकिन हिंदी और उर्दू का प्यार बहुत ज़्यादा है | सोचो तो लगता है कभी कभी की हिंदी में आज भी इमोशंस ज़्यादा अच्छे से सामने रख सकता है जितना की अंग्रेजी में | यह सब तब है जब सालों अंग्रेजी माध्यम में पड़े की फिर कॉलेज भी अंग्रेजी माध्यम था और चार वर्ष से कंप्यूटर की सबसे बड़ी कम्पनी में काम कर रहा हूँ | 

इस ब्लॉग को शुरू करने का विचार बस ऐसे आया की हिंदी जो ज़हन में इतनी घुली मिली है उसे थोड़ा ऊँचा दर्जा लेखन में और देना चाहिए | शायद जितना अच्छे से हिंदी में लोग बात को बिना कहे  भी कह देते हैं वो बात मुझे बहुत ही पसंद है | 

वैश्वीकरण ने अंग्रेजी को भारत और दुनिया में भी बहुत ऊपर पहुंचाया है और अब वो जरिया बन गयी है ज़्यादा लोगों तक अपनी बात पहुंचने का | लेकिन हिंदी को वह औधा नई मिल पाया है | 

यह एक कोशिश रहेगी की कुछ बातें हिंदी की हिंदी में करी जाएँ और हिंदी को हिंदी में ज़िंदा रखा जाये | 

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