Sunday, November 5, 2017

वो पल




वो पल थे जिनमें मेरा बचपन धीरे धीरे बीत रहा था |
उन्ही  पलों से मेरी यादों की सुनहरी श्रंखला बनना भी शुरू हुई थी ||

वो पल थे जहाँ मेरा लड़कपन जवान हो रहा था |
उन्ही  पलों में तो मेरा बचपन भी छूट रहा था ||

वो पल थे जब पढ़ाई  के लिए मैं हॉस्टल जा रहा था |
वही पल थे जब मेरा घर भी मुझसे छूट रहा था ||

वो पल थे जब मैं अपने यार से खफा हो रहा था |
उन्ही पलों में मैं उसकी  कमी का खेलना भी हुआ था ||

वो पल थे जब मैं खुद को अकेला सा  पाता था |
और उन्ही पलों में तो  मैं  खुद को दोस्त बना रहा था ||

वो पल थे कुछ जिनमें  मैं अँधेरे से घिरा हुआ था |
उन्ही  पलों के वजह से ही  मैंने अपनी रौशनी फिर से  ढूंढ ली थी ||

वो पल थे जो मुझे बहुत परेशान कर रहे थे |
वही पल थे जो फिर मेरा ख़याल भी रख रहे थे ||